tag:blogger.com,1999:blog-4738998531219570094.post1024860146679384259..comments2024-01-21T18:02:04.156+05:30Comments on समर्थ रामदास - साहित्य : श्लोक १९३Kalyan Swami http://www.blogger.com/profile/08821565452313740246noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-4738998531219570094.post-80455202580012689252013-09-30T22:02:13.532+05:302013-09-30T22:02:13.532+05:30देवराणा देवांचा नाथ ,देवादिदेव तो जाणता ही नाही ,न...देवराणा देवांचा नाथ ,देवादिदेव तो जाणता ही नाही ,नेणताही नाही .वेद शास्त्र ,पुराणे त्याचे वर्णन करू शकले नाहीत .तो दृश्य ही नाही आणि अदृश्य ही नाही .दृश्य नाही म्हणावे तर तोच सर्वत्र भरून राहिला आहे .अद्र्ष्य म्हणावे तर त्याने निर्माण केलेली ही अफाट सृष्टी त्याची किमया आहे हे पटवून देते .दृश्य म्हणावे तर तो दिसत नाही .अदृश्य म्हणावे तर तो त्याची साक्ष सुनामी ,भूकंप पूर या सारख्या संकटा द्वारे तो त्याची जाणीव करून देतो .पण तो दृश्य आणि अदृश्य यांचा साक्षी नाही .त्यामुळे श्रुतींना सुध्दा त्यांचा अंत लागत नाही .<br /><br /><br /><br /><br />suvarna lelehttps://www.blogger.com/profile/11156252283324612159noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4738998531219570094.post-60968946136343715742013-09-28T17:45:48.410+05:302013-09-28T17:45:48.410+05:30श्लोक ....... १९३...
नव्हे जाणता नेणता देव राणा |
...श्लोक ....... १९३...<br />नव्हे जाणता नेणता देव राणा |<br />न ये वर्णिता वेद शास्त्रा पुराणा ||<br />नव्हे द्रुश्य अद्रुश्य साक्षी तयाचा |<br />श्रुती नेणती नेणती अंत त्याचा ||१९३||<br />हिन्दी में .......<br />नही जानता है जो भगवद् स्वरुप को |<br />नही वर्णता है जो शास्त्र पुराण ||<br />नही द्रुश्य अद्रुश्य साक्षी किसी का |<br />सुनो नाश अंत है अंत उसी का ||१९३||<br />अर्थ........ श्री समर्थ राम्दास स्वामी जी कहते है कि हे मानव मन ! जो जानकार नही है , जो देव भक्त अर्थात भगवद् भक्त नही है , जो वेद शास्त्रो. , पुराणों का जानकार नही है उसका वर्णन नही कर सकता है , ना ही स्थूल या सूक्ष्म रुप से उसके साक्षी रह सकता है | हे मानव ! वह व्यक्ति अंत में सिर्फ़ अंत की ओर ही अग्रसर होता है | उसे अपने जीवन को सार्थक करने का कोई मार्ग प्राप्त नही होता है |lochan katehttps://www.blogger.com/profile/16403239198792263722noreply@blogger.com